वह वचन, जो हमारे और उनके बीच है, नमाज़ है। जिसने इसे छोड़ दिया, उसने कुफ़्र किया।

वह वचन, जो हमारे और उनके बीच है, नमाज़ है। जिसने इसे छोड़ दिया, उसने कुफ़्र किया।

बुरैदा रज़ियल्लाहु अनहु से रिवायत है, वह कहते हैं कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया : "वह वचन, जो हमारे और उनके बीच है, नमाज़ है। जिसने इसे छोड़ दिया, उसने कुफ़्र किया।"

[सह़ीह़] [رواه الترمذي والنسائي وابن ماجه وأحمد]

الشرح

अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने बताया है कि मुसलमानों और दूसरों अर्थाथ काफ़िरों और मुनाफ़िकों के बीच जो वचन है, वह नमाज़ है। जिसने नमाज़ छोड़ दी, उसने कुफ़्र किया।

فوائد الحديث

नमाज़ का महत्व तथा यह कि नमाज़ मोमिन तथा काफ़िर के बीच अंतर करने वाली चीज़ है।

इस्लाम के अहकाम इन्सान के ज़ाहिरी हाल से साबित होंगे, बातिन से नहीं।

التصنيفات

इस्लाम से निष्कासित करने वाली बातें, कुफ़्र (अविश्वास), नमाज़ की अनिवार्यता तथा नमाज़ छोड़ने वाले का हुक्म