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1- जिसने अस्र की नमाज़ छोड़ दी, उसके सभी कर्म व्यर्थ हो गए।
2- इस्लाम की बुनियाद पाँच चीज़ों पर क़ायम है
3- जो व्यक्ति किसी नमाज़ को भूल जाए, तो वह उसे उस समय पढ़ ले, जब याद आ जाए। इसके सिवा उसका कोई कफ़्फ़ारा (प्रायश्चित) नहीं है
4- आदमी के बीच तथा कुफ़्र एवं शिर्क के बीच की रेखा नमाज़ छोड़ना है।
5- वह वचन, जो हमारे और उनके बीच है, नमाज़ है। जिसने इसे छोड़ दिया, उसने कुफ़्र किया।
6- शैतान ने उसके दोनों कानों (अथवा कहा कि उसके कान) में पेशाब कर दिया था
7- अपने बच्चों को नमाज़ का आदेश दो, जब उनकी आयु सात साल हो जाए, और उन्हें उसके लिए मारो, जब उनकी आयु दस साल हो जाए तथा उनके बिसतर अलग कर दो।
8- और मैं साद बिन अबी बक्र नामी क़बीले से ताल्लुक़ रखता हूँ।