إعدادات العرض
अत्याचार से बचो, क्योंकि अत्याचार क़यामत के दिन अंधेरों के रूप में सामने आएगा। अति कंजूसी से बचो, क्योंकि अति…
अत्याचार से बचो, क्योंकि अत्याचार क़यामत के दिन अंधेरों के रूप में सामने आएगा। अति कंजूसी से बचो, क्योंकि अति कंजूसी ने तुमसे पूर्व के लोगों का विनाश किया है।
जाबिर बिन अब्दुल्लाह रज़ियल्लाहु अनहुमा का वर्णन है कि अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया : "अत्याचार से बचो, क्योंकि अत्याचार क़यामत के दिन अंधेरों के रूप में सामने आएगा। अति कंजूसी से बचो, क्योंकि अति कंजूसी ने तुमसे पूर्व के लोगों का विनाश किया है। इसी ने उन्हें रक्त बहाने तथा महरम औरतों को हलाल बना लेने पर उभारा।"
[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
الترجمة
العربية বাংলা Bosanski English Español فارسی Français Bahasa Indonesia Русский Tagalog Türkçe اردو 中文 Tiếng Việt Hausa Kurdî Português සිංහල Svenska ગુજરાતી Yorùbá ئۇيغۇرچە Kiswahili پښتو অসমীয়া دری Кыргызча or नेपाली Čeština Română Nederlands Soomaali తెలుగు മലയാളം Српски Kinyarwanda ಕನ್ನಡ Lietuvių Wolof Українська ქართული Magyar Moore Shqip Македонски Azərbaycan አማርኛ Malagasyالشرح
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने ज़ुल्म (अत्याचार) से सावधान किया है। ज़ुल्म लोगों पर भी होता है, अपने ऊपर भी होता है और अल्लाह के अधिकार में भी होता है। ज़ुल्म नाम है हक़दार को उसका हक़ न देने का। अत्याचार क़यामत के दिन अत्याचारियों पर अंधकार बनेगा। यानी उसके कारण कठिनाइयों एवं भयावह परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा। अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने लालचयुक्त अत्यधिक कंजूसी से भी मना फ़रमाया है। इसके दायरे में आर्थिक अधिकारों की अदायगी में कमी और प्रबल सांसारिक मोह भी दाख़िल है। ज़ुल्म के इसी प्रकार ने हमसे पहले की उम्मतों का विनाश किया है। क्योंकि इसने उन्हें एक-दूसरे की जान लेने और अल्लाह की हराम की हुई चीज़ों को हलाल करने पर उकसाया।فوائد الحديث
खर्च करने और सुख-दुख में साथ देने के नतीजे में मुहब्बत और आपस में जुड़ाव पैदा होता है।
कंजूसी और लालच अवज्ञाकारियों, बेहयाइयों और गुनाहों का सबब बनता है।
हमें पिछली उम्मतों के हालात से शिक्षा ग्रहण करना चाहिए।