إعدادات العرض
वायु को गाली मत दो। यदि कोई ऐसी बात देखो, जो पसंद न हो तो कहोः ऐ अल्लाह! हम तुझसे इस वायु तथा जो इसमें है और जिसका इसे…
वायु को गाली मत दो। यदि कोई ऐसी बात देखो, जो पसंद न हो तो कहोः ऐ अल्लाह! हम तुझसे इस वायु तथा जो इसमें है और जिसका इसे आदेश दिया गया है, उन सब की भलाई माँगते हैं। तथा हम इस वायु एवं जो इसमें है और जिसका इसे आदेश दिया गया है, उन सब की बुराई से तेरी शरण माँगते हैं।
उबै बिन काब (रज़ियल्लाहु अंहु) का वर्णन है कि अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः वायु को गाली मत दो। यदि कोई ऐसी बात देखो, जो पसंद न हो तो कहोः ऐ अल्लाह! हम तुझसे इस वायु तथा जो इसमें है और जिसका इसे आदेश दिया गया है, उन सब की भलाई माँगते हैं। तथा हम इस वायु एवं जो इसमें है और जिसका इसे आदेश दिया गया है, उन सब की बुराई से तेरी शरण माँगते हैं।
[सह़ीह़] [इसे तिर्मिज़ी ने रिवायत किया है।]
الترجمة
العربية বাংলা Bosanski English Español فارسی Français Bahasa Indonesia Русский Tagalog Türkçe اردو 中文 ئۇيغۇرچە Hausa Kurdî Português සිංහල Kiswahili অসমীয়া Tiếng Việt ગુજરાતી Nederlands മലയാളം Română Yorùbá Magyar ქართული Mooreالشرح
नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने वायु को गाली देने से मना किया है। क्योंकि वह एक सृष्टि है और अल्लाह के आदेश से चलती है। अतः उसे गाली देना दरअसल अल्लाह को गाली देना और उसके निर्णय से बेज़ार होना है। फिर आपने बताया कि इनसान को वायु के सृष्टिकर्ता की ओर जाते हुए उसी से उसकी भलाई माँगनी चाहिए तथा उसकी बुराई से उसी की शरण माँगनी चाहिए। यही अल्लाह की बंदगी का तक़ाज़ा है और यही एकेश्वरवादियों की शान है।التصنيفات
मुसीबत के समय के अज़कार