إعدادات العرض
जो इस हाल में मरा कि किसी को अल्लाह का साझी नहीं बनाया, वह जन्नत में प्रवेश करेगा और जो इस हाल में मरा कि किसी को…
जो इस हाल में मरा कि किसी को अल्लाह का साझी नहीं बनाया, वह जन्नत में प्रवेश करेगा और जो इस हाल में मरा कि किसी को अल्लाह का साझी बनाता रहा, वह जहन्नम में जाएगा।
जाबिर रज़ियल्लाहु अनहु कहते हैं : एक व्यक्ति अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के पास आया और पूछा कि ऐ अल्लाह के रसूल! दो वाजिब करने वाली चीज़ें क्या हैं? आपने उत्तर दिया : "जो इस हाल में मरा कि किसी को अल्लाह का साझी नहीं बनाया, वह जन्नत में प्रवेश करेगा और जो इस हाल में मरा कि किसी को अल्लाह का साझी बनाता रहा, वह जहन्नम में जाएगा।"
الترجمة
العربية English မြန်မာ Svenska Čeština ગુજરાતી Yorùbá Nederlands اردو Español Bahasa Indonesia ئۇيغۇرچە বাংলা Türkçe Bosanski සිංහල Tiếng Việt Kurdî Hausa മലയാളം తెలుగు Kiswahili پښتو অসমীয়া Shqip دری Ελληνικά Български Fulfulde ಕನ್ನಡ Кыргызча Lietuvių or Română Kinyarwanda Српски тоҷикӣ O‘zbek नेपाली Moore Oromoo Wolof Soomaali Tagalog Français Azərbaycan Українська Português bm Deutsch தமிழ் ქართული Македонски Magyar فارسی Русский 中文 km አማርኛ Malagasyالشرح
एक व्यक्ति ने अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से दो ऐसी बातों के बारे में पूछा, जो जन्नत में प्रवेश या जहन्नम में प्रवेश को अनिवार्य करती हैं। आपने उत्तर दिया कि जन्नत अनिवार्य करने वाली बात यह है कि इन्सान इस हालत में मरे कि केवल एक अल्लाह की इबादत करता हो और किसी को उसका साझी न बनाता हो। जबकि जहन्नम में प्रवेश को अनिवार्य करने वाली बात यह है कि इन्सान इस हालत में मरे कि किसी को पूज्य बनाकर, पालनहार समझकर या उसे अल्लाह के नाम तथा विशेषताएँ प्रदान करके उसका साझी बनाता हो।فوائد الحديث
तौहीद (एकेश्वरवाद) की फ़ज़ीलत और इस बात का स्पष्ट उल्लेख कि जो व्यक्ति ईमान की हालत में इस तरह मरेगा कि किसी को अल्लाह का साझी नहीं बनाएगा, वह जन्नत में प्रवेश केरगा।
शिर्क की भयावहता तथा इस बात का स्पष्ट उल्लेख कि जो व्यक्ति किसी को अल्लाह का साझी बनाते हुए मरेगा, वह जहन्नम में जाएगा।
अवज्ञाकारी एकेश्वरवादी लोग अल्लाह की इच्छा के अधीन होंगे। अल्लाह अगर चाहेगा, तो उनको अज़ाब देगा और अगर चाहेगा, तो उनको माफ़ कर देगा और फिर उनका ठिकाना जन्नत होगा।