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सर्वशक्तिमान एवं महान अल्लाह पर ईमान
सर्वशक्तिमान एवं महान अल्लाह पर ईमान
1- यहूदियों और ईसाइयों पर अल्लाह की लानत हो, उन्होंने अपने नबियों की क़ब्रों को मस्जिद बना लिया।
7- , ऐसे व्यक्ति को अल्लाह जन्नत में दाख़िल करेगा, चाहे उसका अमल जैसा भी रहा हो।
9- अतिशयोक्ति करने वाले हलाक हो गए
11- अल्लाह तुम्हारे रूप और तुम्हारे धनों को नहीं देखता, बल्कि तुम्हारे दिलों और कर्मों को देखता है।
14- निश्चय ही अल्लाह अत्याचारी को छूट देता रहता है और जब पकड़ता है, तो छोड़ता नहीं है
20- दया करने वालों पर दयावान अल्लाह दया करता है। तुम ज़मीन वालों पर दया करो, आकाश वाला तुमपर दया करेगा।
24- “क़ब्रों पर मत बैठो और उनकी ओर मुँह करके नमाज़ न पढ़ो।”
26- इस्लाम की बुनियाद पाँच चीज़ों पर क़ायम है
30- सर्वशक्तिमान एवं महान अल्लाह तुम्हें इस बात से रोकता है कि तुम अपने बाप-दादाओं की क़सम खाओ
31- 'जो अल्लाह चाहे एवं अमुक चाहे' ना कहो, बल्कि 'जो अल्लाह चाहे फिर अमुक चाहे' कहो।
39- जो व्यक्ति दुनिया में किसी के दोष पर पर्दा डालेगा, अल्लाह क़यामत के दिन उसकी कमियों पर पर्दा डालेगा।
47- सुन लो, तुम लोग भी पहले समुदायों के पदचिह्नों पर चल पड़ोगे।
49- क़यामत के दिन सबसे अधिक कठोर यातना उन लोगों को होगी, जो अल्लाह की सृष्टि की समानता प्रकट करते हैं।
59- "जिसने तावीज़ लटकाया, उसने शिर्क किया।
82- सारी प्रशंसा अल्लाह की है, जिसने शैतान के फ़रेब को बुरे ख़याल की ओर फेर दिया।
86- और मैं साद बिन अबी बक्र नामी क़बीले से ताल्लुक़ रखता हूँ।
87- जिसने उसे दुनिया में पैरों पर चलाया, क्या वह क़यामत के दिन उसे चेहरे के बल चला नहीं सकता?
120- ऐ अबू आइशा! तीन बातें ऐसी हैं कि जिसने उनमें से कोई एक बात कही, उसने अल्लाह पर बहुत बड़ा झूठ बाँधा