सर्वशक्तिमान एवं महान अल्लाह पर ईमान

सर्वशक्तिमान एवं महान अल्लाह पर ईमान

10- निःसंदेह अल्लाह ने नेकियों और गुनाहों को लिख लिया है। फिर उसका विस्तार करते हुए फ़रमाया : जिसने किसी सत्कर्म का इरादा किया और उसे कर नहीं सका, अल्लाह उसके बदले अपने यहाँ एक पूरी नेकी लिख लेता है और अगर इरादे के अनुसार उसे कर भी लिया, तो उसके बदले में अपने पास दस से सात सौ, बल्कि उससे भी अधिक नेकियाँ लिख देता है। और अगर किसी बुरे काम का इरादा किया, लेकिन उसे किया नहीं, तो अल्लाह उसके बदले में भी एक पूरी नेकी लिख देता है और अगर इरादे के अनुसार उसे कर लिया, तो उसके बदले में केवल एक ही गुनाह लिखता है।