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मैं तमाम साझेदारों की तुलना में साझेदारी से अधिक बेनियाज़ हूँ। जिसने कोई कार्य किया और उसमें किसी को मेरा साझी…
मैं तमाम साझेदारों की तुलना में साझेदारी से अधिक बेनियाज़ हूँ। जिसने कोई कार्य किया और उसमें किसी को मेरा साझी ठहराया, मैं उसके साथ ही उसके साझी बनाने के इस कार्य से भी किनारा कर लेता हूँ
अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अनहु से वर्णित है, वह कहते हैं कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया : "सर्वशक्तिमान एवं महान अल्लाह ने फ़रमाया : मैं तमाम साझेदारों की तुलना में साझेदारी से अधिक बेनियाज़ हूँ। जिसने कोई कार्य किया और उसमें किसी को मेरा साझी ठहराया, मैं उसके साथ ही उसके साझी बनाने के इस कार्य से भी किनारा कर लेता हूँ।"
[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
الترجمة
ar bn bs en es fa fr id tl tr ur zh ug ku ha pt ml te sw my de ja ps vi as sq sv cs gu yo nl si ta prs ak az bg ff hu kn ky lt ne or ro rw tg uz mos wo om bm uk rn km sr ka mk ru el am it mgالشرح
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम बता रहे हैं कि सर्वशक्तिमान एवं महान अल्लाह ने कहा है : मैं तमाम साझेदारों की तुलना में साझेदारी से अधिक बेनियाज़ हूँ। चुनांचे अल्लाह हर चीज़ से बेनियाज़ है। इन्सान जब नेकी का कोई काम करता है और उसे अल्लाह के साथ-साथ ग़ैरुल्लाह के लिए भी करता है, तो अल्लाह उसके उस अमल को छोड़ देता है। उसे क़बूल नहीं करता। उसे उसके करने वाले के मुँह पर मार देता है। अतः नेकी के काम विशुद्ध रूप से अल्लाह के लिए करने चाहिएँ। क्योंकि अल्लाह उसी काम को ग्रहण करता है, जो विशुद्ध रूप से उसी के लिए किया जाए।فوائد الحديث
इस हदीस में तमाम तरह के शिर्क से सावधान किया गया है और बताया गया है कि शिर्क इन्सान के किसी भी अमल को अल्लाह के निकट ग्रहण होने नहीं देता।
अल्लाह की बेनियाज़ी और महानता का एहसास अमल के अंदर विशुद्धता लाने में मदद करता है।