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अल्लाह ने मेरे लिए मेरी उम्मत की चूक तथा भूलवश किए हुए और ज़बरदस्ती कराए गए पापकर्म को क्षमा कर दिया है।
अल्लाह ने मेरे लिए मेरी उम्मत की चूक तथा भूलवश किए हुए और ज़बरदस्ती कराए गए पापकर्म को क्षमा कर दिया है।
अब्दुल्लाह बिन अब्बास- रज़ियल्लाहु अन्हुमा- का वर्णन है कि अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः अल्लाह ने मेरे लिए मेरी उम्मत की चूक तथा भूलवश किए हुए और ज़बरदस्ती कराए गए पापकर्म को क्षमा कर दिया है।
[विभिन्न सनदों और शवाहिद के आधार पर सह़ीह़] [इसे इब्ने माजा ने रिवायत किया है ।]
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अल्लाह ने इस उम्मत पर यह कृपा की है कि उससे गलती से हो जाने वाली यानी ऐसी पापों को क्षमा कर दिया है, जिन्हें जान-बूझकर न किया गया हो। इसी तरह किसी अनिवार्य कार्य को भूलवश छोड़ दिया गया या किसी हराम कार्य को भूलवश कर लिया गया, तो उसे भी पाप के खाने में नहीं रखा है। लेकिन अनिवार्य कार्य को छोड़ने के तुरंत बाद यदि वह याद आ जाए, तो उसे कर लिया जाएगा। इसी तरह यदि किसी को कोई गुनाह अथवा अपराध करने पर बाध्य किया जाए और ज़बरदस्ती करवाया जाए, तो उसकी भी पकड़ नहीं होगी। उच्च एवं महान अल्लाह का फ़रमान है : "और उसने तुमपर धर्म में कोई संकीर्णता (तंगी) नहीं बनाई है।"التصنيفات
सर्वशक्तिमान एवं महान अल्लाह पर ईमान