إعدادات العرض
जिस दिन भी बंदे सुबह करते हैं, तो दो फ़रिश्ते उतरते हैं; एक कहता हैः ऐ अल्लाह ख़र्च करने वाले को उत्तम प्रतिफल…
जिस दिन भी बंदे सुबह करते हैं, तो दो फ़रिश्ते उतरते हैं; एक कहता हैः ऐ अल्लाह ख़र्च करने वाले को उत्तम प्रतिफल प्रदान कर, जबकि दूसरा कहता हैः ऐ अल्लाह, रोकने वाले का विनाश कर।
अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अन्हु) से वर्णित है कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः "जिस दिन भी बंदे सुबह करते हैं, तो दो फ़रिश्ते उतरते हैं; एक कहता हैः ऐ अल्लाह ख़र्च करने वाले को उत्तम प्रतिफल प्रदान कर, जबकि दूसरा कहता हैः ऐ अल्लाह, रोकने वाले का विनाश कर।"
[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
الترجمة
العربية বাংলা Bosanski English Español فارسی Français Bahasa Indonesia Русский Tagalog Türkçe اردو 中文 Tiếng Việt ئۇيغۇرچە Hausa Kurdî Kiswahili Português සිංහල Nederlands ગુજરાતી অসমীয়া አማርኛ پښتو ไทยالشرح
जो भी दिन गुज़रता है, उसमें आकाश से दो फ़रिश्ते उतरते हैं। एक कहता है कि ऐ अल्लाह, जो व्यक्ति भलाई के रास्ते, जैसे नेकी के कामों, बाल-बच्चों और अतिथियों पर खर्च करता है, उसे दुनिया एवं आख़िरत में प्रतिफल प्रदान कर और दूसरा कहता है कि ऐ अल्लाह, ऐसा कंजूस व्यक्ति, जो जहाँ खर्च करना अनिवार्य हो, वहाँ न खर्च करे, उसे तथा उसके धन का विनाश कर दे।التصنيفات
नफ़ल सदक़ा