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जो लोगों पर दया नहीं करता, उसपर सर्वशक्तिमान एवं महान अल्लाह भी दया नहीं करता।
जो लोगों पर दया नहीं करता, उसपर सर्वशक्तिमान एवं महान अल्लाह भी दया नहीं करता।
जरीर बिन अब्दुल्लाह रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है, वह कहते हैं कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया है : "जो लोगों पर दया नहीं करता, उसपर सर्वशक्तिमान एवं महान अल्लाह भी दया नहीं करता।"
[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
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अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम बता रहे हैं कि जो लोगों पर दया नहीं करता, उसपर सर्वशक्तिमान एवं महान अल्लाह दया नहीं करता। इस तरह देखा जाए तो अल्लाह की सृष्टि पर दया करना अल्लाह की दया प्राप्त करने का एक बहुत बड़ा साधन है।فوائد الحديث
सारी सृष्टियों पर दया वांछित है, लेकिन यहाँ खास तौर पर 'लोगों' का ज़िक्र उनपर ध्यान दिलाने के लिए है।
अल्लाह दयावान् है और अपने दया करने वाले बंदे पर दया करता है। यह दरअसल बंदे को उसी कोटि का बदला देने का एक उदाहरण है, जिस कोटि का उसका कर्म है।
लोगों पर दया करने के अंतर्गत उनका भला करना, उनको बुराई से बचाना और उनके साथ अच्छा व्यवहार करना भी शामिल है।
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सरहनायोग्य आचरण