إعدادات العرض
तुम सुबह-शाम तीन बार 'क़ुल हुवल्लाहु अह़द', 'क़ुल अऊज़ु बि-रब्बिल फ़लक़' और 'क़ुल अऊज़ु बि-रब्बिन्नास' पढ़ लिया करो।…
तुम सुबह-शाम तीन बार 'क़ुल हुवल्लाहु अह़द', 'क़ुल अऊज़ु बि-रब्बिल फ़लक़' और 'क़ुल अऊज़ु बि-रब्बिन्नास' पढ़ लिया करो। यह तीन सूरतें तुम्हारे लिए हर चीज़ से काफ़ी होंगी।
अब्दुल्लाह बिन ख़ुबैब रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है, वह कहते हैं : हम एक बारिश वाली तथा अंधेरी रात में अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को नमाज़ पढ़ाने के लिए ढूँढने निकले। उनका कहना है कि हमने जब आपको पाया तो आपने कहा : "तुम कहो।" लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा, तो आपने दोबारा कहा : "तुम कहो।" मैंने फिर भी कुछ नहीं कहा, तो आपने तीसरी बार कहा : "तुम कहो।" इस बार मैंने पूछा कि मैं क्या कहूँ? आपने उत्तर दिया : "तुम सुबह-शाम तीन बार 'क़ुल हुवल्लाहु अह़द', 'क़ुल अऊज़ु बि-रब्बिल फ़लक़' और 'क़ुल अऊज़ु बि-रब्बिन्नास' पढ़ लिया करो। यह तीन सूरतें तुम्हारे लिए हर चीज़ से काफ़ी होंगी।"
الترجمة
العربية বাংলা Bosanski English Español فارسی Français Bahasa Indonesia Русский Tagalog Türkçe اردو 中文 Hausa Kurdî Português සිංහල Svenska ગુજરાતી Yorùbá ئۇيغۇرچە Tiếng Việt Kiswahili پښتو অসমীয়া دری Кыргызча or नेपाली Čeština Română Nederlands Soomaali తెలుగు മലയാളം Српски Kinyarwanda ಕನ್ನಡ Lietuvių Wolof ქართული Magyar Moore Українська Shqip Македонски Azərbaycan አማርኛ Malagasy Oromooالشرح
वरिष्ठ सहाबी अब्दुल्लाह बिन ख़ुबैब रज़ियल्लाहु अनहु बता रहे हैं कि वे एक तेज़ बारिश वाली और अंधेरी रात में अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को ढूँढने निकले। ताकि आप उनको नमाज़ पढ़ाएं। जब आपको देखा, तो आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने अब्दुल्लाह से फ़रमाया : तुम पढ़ो। जब उन्होंने कुछ नहीं पढ़ा, तो दोबारा पढ़ने को कहा। इस बार अब्दुल्लाह ने पूछ लिया : ऐ अल्लाह के रसूल! मैं क्या पढ़ूँ? जवाब में अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया : तुम शाम एवं सुबह के समय सूरा इख़लास यानी {قل هو الله أحد} और शरण माँगने पर आधारित दोनों सूरतें सूरा अल-फ़लक़ {قل أعوذ برب الفلق} तथा सूरा अन-नास {قل أعوذ برب الناس} तीन-तीन बार पढ़ो, यह तीनों सूरतें तुम्हें हर बुराई से बचाएँगी।فوائد الحديث
सुबह तथा शाम के समय सूरा इख़लास, सूरा फ़लक़ तथा सूरा नास पढ़ना मुसतहब है। यह सूरतें इन्सान को हर बुराई से सुरक्षित रखती हैं।
सूरा इख़लास, सूरा फ़लक़ एवं सूरा नास पढ़ने का महत्व।
التصنيفات
सुबह तथा शाम के अज़कार