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सबसे उत्तम दीनार जिसे इंसान ख़र्च करता है, वह दीनार है जिसे वह अपने परिवार पर ख़र्च करता है, फिर वह दीनार है जो वह…
सबसे उत्तम दीनार जिसे इंसान ख़र्च करता है, वह दीनार है जिसे वह अपने परिवार पर ख़र्च करता है, फिर वह दीनार है जो वह अल्लाह की राह में जिहाद करने के लिए खास किए हुए जानवर पर ख़र्च करता है, और फिर वह दीनार है जिसे वह अल्लाह के रास्ते में अपने साथियों पर ख़र्च करता है।
स़ौबान रज़ियल्लाहु अन्हु से वर्णनित है, वह बयान करते हैं कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया : "सबसे उत्तम दीनार जिसे इंसान ख़र्च करता है, वह दीनार है जिसे वह अपने परिवार पर ख़र्च करता है, फिर वह दीनार है जो वह अल्लाह की राह में जिहाद करने के लिए खास किए हुए जानवर पर ख़र्च करता है, और फिर वह दीनार है जिसे वह अल्लाह के रास्ते में अपने साथियों पर ख़र्च करता है।" अबू क़िलाबा कहते हैं कि शुरूआत परिवार से की। फिर अबू क़िलाबा ने कहा कि भला कौन व्यक्ति, उस आदमी से पुण्य में बढ़ सकता है, जो अपने छोटे-छोटे बच्चों पर खर्च करता है, ताकि वे दूसरों के सामने हाथ फैलाने पर मजबूर न हों या अल्लाह तआला उन्हें उसके द्वारा लाभ पहुँचाए तथा उनको निस्पृह कर दे।
الترجمة
ar bn bs en es fa fr id ru tl tr ur zh ku sw pt si prs as vi sv yo ky ha gu ne ml ro nl so ps te rw kn sr mos ka cs hu uk lt mk az wo mgالشرح
यहाँ अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने खर्च करने के कुछ रूप बयान किए हैं और बताया है कि जब खर्च करने के कई अवसर आपस में टकराने लगें, तो क्रमानुसार जो जितना महत्वपूर्ण हो, उसे महत्व दिया जाना चाहिए। आपने बताया कि एक मुसलमान द्वारा खर्च किया गया सबसे अधिक सवाब वाला धन वह है, जिसे उन लोगों पर खर्च किया जाए, जिनका भरण-पोषण उसपर अनिवार्य है। जैसे पत्नी और बच्चे आदि। उसके बाद नम्बर आता है अल्लाह की राह में जिहाद के लिए तैयार रखे गए सवारी पर खर्च करने का। उसके बाद नम्बर आता है अपने दोस्तों और साथियों पर खर्च करने का, जो अल्लाह की राह में जंग कर रहे हों।فوائد الحديث
महत्व की दृष्टि से खर्च करने का क्रम वही है, जो इस हदीस में उल्लिखित है। टकराव की अवस्था में इस क्रम का ख़याल रखा जाएगा।
बाल-बच्चों पर खर्च करना अन्य लोगों पर खर्च कने की तुलना में अधिक महत्व रखता है।
अल्लाह की राह में जिहाद पर, जैसे हथियारों और मुजाहिदों को तैयार करने में किया जाने वाला खर्च, खर्च करने का एक बहुत बड़ा रूप है।
कुछ लोगों का कहना है कि अल्लाह के मार्ग से मुराद हर नेकी का काम, जैसे हज आदि है।