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तुम्हारे अंदर सबसे अच्छा व्यक्ति वह है, जिसका आचरण सबसे अच्छा है।
तुम्हारे अंदर सबसे अच्छा व्यक्ति वह है, जिसका आचरण सबसे अच्छा है।
अब्दुल्लाह बिन अम्र रज़ियल्लाहु अनहुमा का वर्णन है, उन्होंने कहा : अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम न तो अश्लील थे और न गंदी बातें और गंदे कार्य किया करते थे। आप फ़रमाया करते थे : "तुम्हारे अंदर सबसे अच्छा व्यक्ति वह है, जिसका आचरण सबसे अच्छा है।"
[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
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बुरी बात करना या बुरा कार्य करना अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के आचरण का हिस्सा नहीं था। आप ऐसा करने का या कहने का सोचते भी नहीं थे। आप महान आचरण के मालिक थे। आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम कहा करते थे : अल्लाह के निकट तुममें से सबसे अच्छा व्यक्ति वह है, जो सबसे अच्छे आचरण का मालिक हो। यानी वह लोगों का भला करता हो, हँसकर मिलता हो, किसी को कष्ट न देता हो, कोई कष्ट दे तो सहन कर लेता हो और लोगों से अच्छी तरह मेल-जोल रखता हो।فوائد الحديث
मोमिन पर बुरी बात तथा बुरे कार्य से दूर रहना ज़रूरी है।
अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम आदर्श आचरण के मालिक थे। आप केवल अच्छे कार्य करते और अच्छी बात ही कहते थे।
इन्सान को अच्छे आचरण के मामले में एक-दूसरे से आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए। जो इस मैदान में आगे बढ़ गया, वह सबसे उत्तम तथा सबसे ईमान वाला मोमिन बन गया।
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सरहनायोग्य आचरण