إعدادات العرض
ज्ञान इसलिए न अर्जित करो कि उलेमा से बहस कर सको और अज्ञान लोगों से झगड़ सको
ज्ञान इसलिए न अर्जित करो कि उलेमा से बहस कर सको और अज्ञान लोगों से झगड़ सको
जाबिर बिन अब्दुल्लाह रज़ियल्लाहु अनहुमा का वर्णन है कि अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया : "ज्ञान इसलिए न अर्जित करो कि उलेमा से बहस कर सको और अज्ञान लोगों से झगड़ सको। इसके द्वारा सभाओं में श्रेष्ठ स्थानों पर क़ब्ज़ा न करो। जिसने ऐसा किया, उसका ठिकना जहन्नम है, उसका ठिकाना जहन्नम है।"
[सह़ीह़] [इसे इब्ने माजा ने रिवायत किया है ।]
الترجمة
عربي English မြန်မာ Svenska cs ગુજરાતી አማርኛ Yorùbá Nederlands اردو Español Bahasa Indonesia ئۇيغۇرچە বাংলা Türkçe Bosanski සිංහල Tiếng Việt Hausa മലയാളം తెలుగు Kiswahili ไทย پښتو অসমীয়া Shqip دری el bg ff it kn Кыргызча Lietuvių mg ro rw Soomaali Српски тоҷикӣ uz नेपालीالشرح
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने इस उद्देश्य से ज्ञान अर्जित करने से मना किया है कि उलेमा से बहस की जाए और बताया जाए कि मैं भी तुम्हारे जैसा आलिम हूँ अथवा अज्ञान तथा नादान लोगों से बहस की जाए। इस नीयत से भी ज्ञान अर्जित करने से मना किया है कि सभाओं में आगे बैठने का अवसर मिले। जिसने ऐसा किया वह अपनी रियाकारी (दिखावा) के कारण जहन्नम का हक़दार होगा।فوائد الحديث
उस व्यक्ति को जहन्नम में जाने की चेतावनी दी गई है, जो अभिमान करने, बहस करने और सभाओं में आगे बैठने की नीयत से ज्ञान प्राप्त करे।
ज्ञान सीखने तथा सिखाने का काम अल्लाह के लिए करने का महत्व।
सारे कर्मों का आधार नीयत पर है और उसी के अनुसार प्रतिफल मिलता है।