तुम जायदाद मत बनाओ, अन्यथा दुनिया की चाहत में पड़ जाओगे।

तुम जायदाद मत बनाओ, अन्यथा दुनिया की चाहत में पड़ जाओगे।

अब्दुल्लाह बिन मसऊद -अल्लाह उनसे प्रसन्न हो- से मरफ़ूअन वर्णित है : "तुम जायदाद मत बनाओ, अन्यथा दुनिया की चाहत में पड़ जाओगे।"

[सह़ीह़] [इसे तिर्मिज़ी ने रिवायत किया है। - इसे अह़मद ने रिवायत किया है।]

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फ़ज़ीलतें तथा आदाब, संसार प्रेम की मज़म्मत