जब कोई अपने भाई से मोहब्बत रखे, तो उसे बता दे कि वह उससे मोहब्बत रखता है।

जब कोई अपने भाई से मोहब्बत रखे, तो उसे बता दे कि वह उससे मोहब्बत रखता है।

मिक़दाम बिन मादीकरिब रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है, वह कहते हैं कि अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया है : "जब कोई अपने भाई से मोहब्बत रखे, तो उसे बता दे कि वह उससे मोहब्बत रखता है।"

[सह़ीह़] [رواه أبو داود والترمذي والنسائي في الكبرى وأحمد]

الشرح

अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम इस हदीस में ईमान वालों के आपसी संबंध को मज़बूत करने वाली और उनके अंदर परस्पर प्रेम का माहौल बनाने वाली एक बात बता रहे हैं। वह बात यह है कि जब कोई व्यक्ति किसी से मोहब्बत रखे तो उसे बता दे कि वह उससे मोहब्बत रखता है।

فوائد الحديث

ऐसी विशुद्ध मोहब्बत की फ़ज़ीलत जो अल्लाह के लिए रखी जाए और उससे कोई सांसारिक हित जुड़ा हुआ न हो।

जो व्यक्ति किसी से अल्लाह के लिए मोहब्बत रखे, मुसतहब यह है कि वह उसे बता दे, ताकि मोहब्बत और बढ़ जाए।

ईमान वालों के बीच मोहब्बत का माहौल बनने से ईमानी भाईचारा मज़बूत होगी और समाज बिखराव से सुरक्षित रहेगा।

التصنيفات

सरहनायोग्य आचरण, बात करने तथा चुप रहने के आदाब