अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम जब छींकते, तो अपना हाथ या कपड़ा अपने मुँह पर रख लेते और अपनी आवाज़ धीमी (या…

अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम जब छींकते, तो अपना हाथ या कपड़ा अपने मुँह पर रख लेते और अपनी आवाज़ धीमी (या नीची) रखते।

अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है, वह कहते हैं : अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम जब छींकते, तो अपना हाथ या कपड़ा अपने मुँह पर रख लेते और अपनी आवाज़ धीमी (या नीची) रखते।

[सह़ीह़]

الشرح

अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम जब छींकते, तो निम्नलिखित काम करते : 1- मुँह पर अपना हाथ या कपड़ा रखते, ताकि मुँह या नाक से कोई ऐसी चीज़ न निकले, जिससे पास बैठे हुए व्यक्ति को कष्ट हो। 2- आवाज़ धीमी कर लेते।

فوائد الحديث

छींकते समय अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के तरीक़े का बयान और उसमें आपका अनुसरण।

छींकते समय मुँह या नाक पर कपड़ा या रूमाल आदि रख लेना मुसतहब है, ताकि उससे कोई ऐसी चीज़ न निकले, जिससे पास बैठे हुए इन्सान को कष्ट हो।

छींकते समय आवाज़ धीमी कर लेनी चाहिए। यह अदब एवं अच्छे आचरण का हिस्सा है।

التصنيفات

छींकने तथा उबासी के आदाब, अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के गुण तथा आचरण