إعدادات العرض
क्या तुममें से किसी को यह पसंद है कि जब वह अपने परिवार की ओर लौटे, तो वहाँ तीन बड़ी-बड़ी और मोटी-मोटी गाभिन ऊँटनियाँ…
क्या तुममें से किसी को यह पसंद है कि जब वह अपने परिवार की ओर लौटे, तो वहाँ तीन बड़ी-बड़ी और मोटी-मोटी गाभिन ऊँटनियाँ पाए?
अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अनहु से वर्णित है, उन्होंने कहा कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया : "क्या तुममें से किसी को यह पसंद है कि जब वह अपने परिवार की ओर लौटे, तो वहाँ तीन बड़ी-बड़ी और मोटी-मोटी गाभिन ऊँटनियाँ पाए?" हमने कहा : अवश्य ही। आपने कहा : "अपनी नमाज़ में तुममें से किसी का तीन आयतें पढ़ना, उसके लिए तीन बड़ी-बड़ी और मोटी-मोटी गाभिन ऊँटनियों से बेहतर है।"
[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
الترجمة
العربية English မြန်မာ Svenska Čeština ગુજરાતી Yorùbá Nederlands اردو Español Bahasa Indonesia ئۇيغۇرچە বাংলা Bosanski සිංහල Tiếng Việt Hausa മലയാളം తెలుగు Kiswahili پښتو অসমীয়া Shqip دری Ελληνικά Български Fulfulde ಕನ್ನಡ Кыргызча Lietuvių Română Kinyarwanda Српски тоҷикӣ O‘zbek नेपाली Kurdî Moore Soomaali Wolof Français Tagalog Українська Azərbaycan தமிழ் Bambara Deutsch ქართული Português Македонски Magyar Русский 中文 فارسی ភាសាខ្មែរ አማርኛ Malagasy Oromoo ไทย मराठी ਪੰਜਾਬੀ Türkçe Lingala Italianoالشرح
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम बता रहे हैं कि नमाज़ में तीन आयतों का पढ़ना इस बात से उत्तम है कि आदमी तीन मोटी-मोटी और बड़ी-बड़ी गाभिन ऊँटनियाँ अपने घर में पाए।فوائد الحديث
नमाज़ में क़ुरआन पढ़ने की फ़ज़ीलत का बयान।
अच्छे कार्य दुनिया की नश्वर चीज़ों से उत्तम हैं।
यह फ़ज़ीलत (महत्व) केवल तीन आयतों को पढ़ने ही के साथ जुड़ा हुआ नहीं है। इन्सान अपनी नमाज़ में जितनी ज़्यादा आयतें पढ़ेगा, उसका सवाब उतना ही बढ़ता चला जाएगा।
التصنيفات
पवित्र क़ुरआन की फ़ज़ीलतें