जिसने युद्ध अल्लाह के शब्द को ऊँचा करने के लिए किया, उसका युद्ध अल्लाह की राह में है।

जिसने युद्ध अल्लाह के शब्द को ऊँचा करने के लिए किया, उसका युद्ध अल्लाह की राह में है।

अबू मूसा रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है, वह कहते हैं : अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से उस व्यक्ति के बारे में पूछा गया, जो बहादुरी दिखाने के लिए लड़ता हो, तथा उस व्यक्ति के बारे में पूछा गया जो अपनी क़ौम या देश के बचाव के लिए लड़ता हो एवं उस व्यक्ति के बारे में पूछा गया जो दिखावे के लिए लड़ता हो, इनमें से किसकी लड़ाई अल्लाह की राह में है? अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने उत्तर दिया : "जिसने युद्ध अल्लाह के शब्द को ऊँचा करने के लिए किया, उसका युद्ध अल्लाह की राह में है।"

[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]

الشرح

अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से जंग करने वालों के अलग-अलग उद्देश्यों के बारे में पूछा गया कि एक व्यक्ति बहादुरी दिखाने के लिए जंग करता है, एक व्यक्ति स्वाभिमान के लिए जंग करता है और एक व्यक्ति लोगों के बीच अपनी अलग पहचान बनाने के लिए युद्ध करता है, तो उनमें से किसकी जंग अल्लाह के मार्ग में की जाने वाली जंग शुमार होगी? जवाब में अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने बताया : अल्लाह के मार्ग में जंग करने वाला वह शुमार होगा, जिसने अल्लाह के कलिमा को ऊँचा करने के लिए युद्ध किया।

فوائد الحديث

आमाल के शुद्ध और अशुद्ध होने की निर्भरता नीयत और अल्लाह के प्रति निष्ठा पर है।

जब जिहाद का उद्देश्य अल्लाह के कलिमा (वाणी) को ऊँचा करना हो और कोई दूसरा जायज़ उद्देश्य, जैसे माल-ए-ग़नीमत की प्राप्ति आदि उससे जुड़ जाए, तो उससे असल नीयत का कोई नुक़सान नहीं होगा।

वतन (देश) एवं मान-सम्मान की रक्षा के लिए दुश्मनों से लड़ना भी अल्लाह के मार्ग में की जाने वाली जिहाद के अन्तर्गत है।

मुजाहिदों से संबंधित फ़ज़ीलत का हक़दार वही व्यक्ति है, जो अल्लाह के कलिमा (वाणी) को ऊँचा करने के लिए जिहाद करे।

التصنيفات

जिहाद के आदाब