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मीरास के हिस्से उनके हक़दारों के दे दो। फिर जो बच जाए, वह निकटतम पुरुष व्यक्ति के लिए है।
मीरास के हिस्से उनके हक़दारों के दे दो। फिर जो बच जाए, वह निकटतम पुरुष व्यक्ति के लिए है।
अब्दुल्लाह बिन अब्बास -रज़ियल्लाहु अन्हुमा- कहते हैं कि अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमाया : "मीरास के हिस्से उनके हक़दारों के दे दो। फिर जो बच जाए, वह निकटतम पुरुष व्यक्ति के लिए है।" तथा एक रिवायत में है : "धन को उन लोगों के बीच बाँट दो, जिनके हिस्से अल्लाह की किताब में निर्धारित हैं। फिर जो बच जाए, वह निकटतम पुरुष व्यक्ति के लिए है।"
[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
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अल्लाह के नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने मीरास बाँटने वालों को आदेश दिया कि वे उसे न्याय के साथ शरीयत के बताए हुए तरीक़े के अनुसार तक़सीम करें। चुनांचे सबसे उन लोगों को उनका भाग देें, जिनके भाग अल्लाह की किताब में निर्धारित कर दिए गए हैं। ये निर्धारित भगा हैं : दो तिहाई, एक तिहाई, छठा भाग, आधा भाग, एक चौथाई और आठवाँ भाग। फिर इसके बाद जो बच जाए, वह मृतक के निकटतम पुरुष व्यक्ति को दे दिया जाए। इस तरह के लोगों का 'असबा' कहा जाता है।التصنيفات
असबा