إعدادات العرض
सुन लो, वह समय आने ही वाला है कि एक व्यक्ति के पास मेरी हदीस पहुँचेगी और वह अपने बिस्तर पर टेक लगाकर बैठा होगा। हदीस…
सुन लो, वह समय आने ही वाला है कि एक व्यक्ति के पास मेरी हदीस पहुँचेगी और वह अपने बिस्तर पर टेक लगाकर बैठा होगा। हदीस सुनने के बाद वह कहेगा : हमारे और तुम्हारे बीच अल्लाह की किताब है
मिक़दाम बिन मादीकरिब रज़ियल्लाहु अनहु बयान करते हैं कि अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमाया : "सुन लो, वह समय आने ही वाला है कि एक व्यक्ति के पास मेरी हदीस पहुँचेगी और वह अपने बिस्तर पर टेक लगाकर बैठा होगा। हदीस सुनने के बाद वह कहेगा : हमारे और तुम्हारे बीच अल्लाह की किताब है। इसमें हम जो हलाल पाएँगे उसे हलाल जानेंगे और इसमें जो हराम पाएँगे उसे हराम जानेंगे। हालाँकि अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- की हराम की हुई चीज़ भी अल्लाह की हराम की हुई चीज़ की तरह है।"
الترجمة
العربية Kurdî English Kiswahili Español اردو Português বাংলা Bahasa Indonesia فارسی தமிழ் සිංහල Tiếng Việt മലയാളം Русский မြန်မာ ไทย پښتو অসমীয়া Shqip Svenska Čeština ગુજરાતી Yorùbá Nederlands ئۇيغۇرچە Türkçe Bosanski Hausa తెలుగు دری Ελληνικά Български Fulfulde ಕನ್ನಡ Кыргызча Lietuvių or Română Kinyarwanda Српски тоҷикӣ O‘zbek नेपाली Moore Oromoo Wolof Tagalog Soomaali Français Azərbaycan Українська bm ქართული Deutsch Македонски Magyar 中文 km አማርኛالشرح
अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने बताया है कि वह समय निकट है, जब एक प्रकार के लोग समाने आएँगे, जिनमें से एक व्यक्ति अपने बिस्तर पर टेक लगाकर बैठा होगा और इस अवस्था में जब उसके पास अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की कोई हदीस पहुँचेगी, तो कहेगा : हमारे और तुम्हारे बीच निर्णय के लिए अल्लाह की किताब है, यही हमारे लिए काफ़ी है। इसमें जो चीज़ें हम हलाल पाएँगे, हम उनपर अमल करेंगे और इसमें जो चीज़ें हम हराम पाएँगे, उनसे दूर रहेंगे। फिर अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने बताया कि आपने अपनी सुन्नत में जिन चीज़ों को हराम कहा है या जिन चीज़ों से मना किया है, वह सारी चीज़ें दरअसल अल्लाह की किताब में हराम की हुई चीज़ों की ही तरह हैं। क्योंकि आपका काम आपके रब के संदेश को पहुँचाना ही था।فوائد الحديث
क़ुरआन की तरह हदीस का भी सम्मान किया जाना चाहिए और उसपर भी अमल किया जाना चाहिए।
रसूल का आज्ञापालन दरअसल अल्लाह का आज्ञापालन है और रसूल की अवज्ञा अल्लाह की अवज्ञा है।
इस हदीस से सुन्नत के प्रमाण होने का सूबत मिलता है और उन लोगों का खंडन हो जाता है, जो सुन्नत को ठुकराते या उसका इनकार करते हैं।
जिसने सुन्नत से मुँह फेरा और केवल क़ुरआन पर अमल करने का दावा किया, उसने दरअसल दोनों से मुँह फेरा और क़ुरआन के अनुपालन का उसका दावा झूठा है।
आपके नबी होने का एक प्रमाण यह भी है कि आपने किसी बात की भविष्यवाणी की और वह बात सामने आ भी गई।