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जिसने सच्चे दिल से अल्लाह से शहादत माँगी, अल्लाह उसे शहीदों के मर्तबों तक पहुँचाएगा, यद्यपि उसकी मृत्यु बिस्तर पर…
जिसने सच्चे दिल से अल्लाह से शहादत माँगी, अल्लाह उसे शहीदों के मर्तबों तक पहुँचाएगा, यद्यपि उसकी मृत्यु बिस्तर पर हुई हो।
सह्ल बिन हुनैफ़ रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है कि अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया : "जिसने सच्चे दिल से अल्लाह से शहादत माँगी, अल्लाह उसे शहीदों के मर्तबों तक पहुँचाएगा, यद्यपि उसकी मृत्यु बिस्तर पर हुई हो।"
[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
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अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम बता रहे हैं कि जिस व्यक्ति ने शहादत और अल्लाह के मार्ग में लड़ते हुए प्राप्त होने वाली मौत तलब की, अगर वह अपनी इस नीयत में सच्चा और सर्वशक्तिमान अल्लाह की प्रसन्नता प्राप्त करने वाला रहा, तो उसे अल्लाह उसकी सच्ची नीयत की बिना पर शहीदों का दर्जा प्रदान करेगा, चाहे उसकी मौत बिस्तर पर ही क्यों न हो।فوائد الحديث
सच्ची नीयत एवं सामर्थ्य के अनुसार प्रयास हो, तो सवाब मिल ही जाता है। भले ही वांछित कार्य पूरा न किया गया हो।
जिहाद तथा अल्लाह के मार्ग में शहादत तलब करने की प्रेरणा।
इस उम्मत को अल्लाह का यह सम्मान कि वह इसे थोड़े-से कार्य के बदले में जन्नत के ऊँचे दर्जे प्रदान करता है।