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भलाई का प्रत्येक कार्य सदक़ा है।
भलाई का प्रत्येक कार्य सदक़ा है।
जाबिर बिन अब्दुल्लाह रज़ियल्लाहु अनहुमा का वर्णन है कि अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया : "भलाई का प्रत्येक कार्य सदक़ा है।"
[सह़ीह़] [इसे बुख़ारी ने रिवायत किया है।]
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अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम बता रहे हैं कि हर प्रकार का उपकार तथा दूसरों को लाभान्वित करने का प्रयास, चाहे कथन के रूप में हो या कार्य के रूप में, सदक़ा है और उसका प्रतिफल मिलेगा।فوائد الحديث
सदक़ा केवल धन का एक भाग निकालने का ही नाम नहीं है, बल्कि उसके अंदर अपने कथन तथा कार्य द्वारा दूसरे का किया जाने वाला हर भला काम शामिल है।
इस हदीस में दूसरों का भला करने और लाभ पहुँचाने की प्रेरणा दी गई है।
किसी भी अच्छे काम को हेय दृष्टि से नहीं देखना चाहिए, चाहे वह थोड़ा ही क्यों न हो।
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सुकर्मों की फ़ज़ीलतें