किसी आदमी ने कोई बरतन अपने पेट से अधिक बुरा नहीं भरा। आदम की संतान के लिए खाने के कुछेक लुक़मे काफ़ी हैं, जो उसकी पीठ…

किसी आदमी ने कोई बरतन अपने पेट से अधिक बुरा नहीं भरा। आदम की संतान के लिए खाने के कुछेक लुक़मे काफ़ी हैं, जो उसकी पीठ को सीधा रखें। अगर अधिक खाना ज़रूरी हो तो पेट का एक तिहाई भाग खाने के लिए, एक तिहाई भाग पीने के लिए और एक तिहाई भाग सांस लेने के लिए हो।

मिक़दाम बिन मादीकरिब- रज़ियल्लाहु अन्हु- कहते हैं कि मैंने अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को फ़रमाते हुए सुना: किसी आदमी ने कोई बरतन अपने पेट से अधिक बुरा नहीं भरा। आदम के संतान के लिए खाने के कुछेक लुक़मे ही काफ़ी हैं, जो उसकी पीठ को सीधा रखें। अगर अधिक खाना ज़रूरी हो तो पेट का एक तिहाई भाग खाने के लिए, एक तिहाई भाग पीने के लिए और एक तिहाई भाग सांस लेने के लिए हो।

[सह़ीह़] [इसे इब्ने माजा ने रिवायत किया है । - इसे तिर्मिज़ी ने रिवायत किया है। - इसे अह़मद ने रिवायत किया है।]

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लालसा तथा शहवतों की मज़म्मत