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निश्चय अल्लाह बंदे की इस बात से खुश होता है कि बंदा कुछ खाए तो उसपर अल्लाह की प्रशंसा करे और कुछ पिए तो उसपर अल्लाह…
निश्चय अल्लाह बंदे की इस बात से खुश होता है कि बंदा कुछ खाए तो उसपर अल्लाह की प्रशंसा करे और कुछ पिए तो उसपर अल्लाह की प्रशंसा करे।
अनस बिन मालिक रज़ियल्लाहु अनहु का वर्णन है, उन्होंने कहा : अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया : "निश्चय अल्लाह बंदे की इस बात से खुश होता है कि बंदा कुछ खाए तो उसपर अल्लाह की प्रशंसा करे और कुछ पिए तो उसपर अल्लाह की प्रशंसा करे।"
[सह़ीह़] [इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।]
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अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम बता रहे हैं कि अल्लाह के अनुग्रह तथा उसकी नेमतों पर बंदे के द्वारा की गई अल्लाह की प्रेशंसा से अल्लाह प्रसन्न होता है। जब बंदा खाना खाता है और अल-हम्दु लिल्लाह (सारी प्रेशंसा अल्लाह की है) कहता है तथा कोई चीज़ पीता है और अल-हम्दु लिल्लाह (सारी प्रशंसा अल्लाह की है) कहता है, तो अल्लाह प्रसन्नत होता है।فوائد الحديث
अल्लाह का अनुग्रह कि वही रोज़ी भी देता है और प्रशंसा से प्रसन्न भी होता है।
अल्लाह की प्रसन्नता खाने तथा पीने के बाद उसकी प्रशंसा करने जैसे छोटे-छोटे से काम से भी प्राप्त होती है।
खाने तथा पीने के नियमों में से यह है कि खाने तथा पीने के बाद अल्लाह की प्रशंसा की जाए।