إعدادات العرض
1- नबी- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- प्रत्येक रमज़ान में दस दिन एतेकाफ़ करते थे। परन्तु जब मृत्यु का वर्ष आया, तो बीस दिन एतेकाफ़ किया।
2- अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) रमज़ान के अंतिम दस दिनों में ऐतिकाफ़ किया करते थे, यहाँ तक कि अल्लाह ने आपको मौत दे दी। फिर आपके बाद आपकी पत्नियों ने ऐतिकाफ़ किया।
3- ऐ अल्लाह के रसूल! मैंने जाहिलीयत के ज़माने में मन्नत मानी थी कि मैं मस्जिदे हराम में एक रात (एक रिवायत के मुताबिक एक दिवसीय) ऐतिकाफ़ करुँगा, इसके बारे में आप क्या कहते हैं? आपने फ़रमायाः अपनी मन्नत पूरी करो।
4- जिसने मेरे साथ अब तक ऐतिकाफ़ किया , वह अंतिम दस दिनों का भी ऐतिकाफ़ करे, क्योंकि मुझे यह रात दिखाई गई और फ़िर भुला दी गई। मैंने उस रात की सुब्ह को देखा कि मैं पानी और मिट्टी पर सजदा कर रहा हूँ। अतः, उसे अंतिम दस रातों में तलाश करो।
5- शैतान आदम की संतान की रगों में लहू की तरह दौड़ता है। इसलिए मुझे डर हुआ कि शैतान तुम्हारे दिलों में कोई गलत ख़्याल न डाल दे।