إعدادات العرض
1- हम अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के जीवनकाल में 'सदक़तुल फ़ित्र' में एक साअ खाने की वस्तु, एक साअ जौ, एक साअ पनीर या एक साअ किशमिश निकालते थे।
2- अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने सदक़ा-ए-फ़ित्र - अथवा सदक़ा-ए-रमज़ान फ़रमाया- परुष, स्त्री, आज़ाद एवं ग़ुलाम पर खुज़ूर का एक साअ (एक मापने का पैमाना) या जौ का एक साअ अनिवार्य किया है।
3- मुसलमान को उसके घोड़े और गुलाम की ज़कात नहीं देनी है।