जिन्न

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2- एकि व्यक्ति अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- के पास आया और कहने लगा : ऐ अल्लाह के रसूल! हम में से एक व्यक्ति अपने दिल में ऐसी बातें पाता है (वह इशारे में बात कर रहा था) कि कोयला बन जाना उनको बोलने से अधिक प्रिय लगता है। यह सुन अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया : अल्लाह सबसे बड़ा है। अल्लाह सबसे बड़ा है। @सारी प्रशंसा अल्लाह की है, जिसने शैतान के फ़रेब को बुरे ख़याल की ओर फेर दिया।"

3- वह अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के पास आए और कहने लगे : ऐ अल्लाह के रसूल! शैतान मेरे, मेरी नमाज़ तथा मेरी तिलावत के बीच रुकावट बनकर खड़ा हो जाता है। मुझे उलझाने के प्रयास करता है। यह सुन अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया : "@यह एक शैतान है, जिसे ख़िंज़िब कहा जाता है। जब तुम्हें उसके व्यवधान डालने का आभास हो, तो उससे अल्लाह की शरण माँगो और तीन बार अपने बाएँ ओर थुत्कारो*।" उनका कहना है कि मैंने इसपर अमल करना शुरू किया, तो अल्लाह ने मेरी इस परेशानी को दूर कर दिया।