सुन्नत-ए-नबवी का संकलन

सुन्नत-ए-नबवी का संकलन

3- मैं अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से सुनी हुई हर बात को इस इरादे से लिख लिया करता था कि वह सुरक्षित रह जाए। लेकिन मुझे इससे क़ुरैश ने मना कर दिया और कहा कि क्या तुम अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से सुनी हुई हर बात को लिख लिया करते हो, जबकि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम एक इन्सान हैं, जो क्रोध तथा प्रसन्नता की अवस्था में बात करते हैं? अतः मैंने लिखना बंद कर दिया और अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के सामने इसका ज़िक्र किया तो आपने अपनी उंगली से अपने मुँह की ओर इशारा किया और फ़रमाया : "@तुम लिखा करो। उस हस्ती की क़सम, जिसके हाथ में मेरी जान है, इस (मुंह) से केवल सत्य ही निकलता है।"