إعدادات العرض
1- अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने क़ज़अ (आधे सिर के बाल मूँडने और आधे को छोड़ने) से मना फ़रमाया है
2- तुम सब रक्षक हो और तुम सब से तुम्हारे मातहतों के बारे में पूछा जाएगा। एक रहनुमा रक्षक है और उससे उसके अधीनस्थों के बारे में पूछा जाएगा। एक व्यक्ति अपने परिवार का रक्षक है और उससे उसके मातहतों के बारे में प्रश्न होगा और एक स्त्री अपने पति के घर और उसके बच्चों की रक्षक है। इस तरह, तुममें से हर व्यक्ति रक्षक है और तुममें से हर व्यक्ति से उसके मातहतों के बारे में पूछा जाएगा।
3- जब हम छोटे थे तो लोग गवाही और वचन देने पर हमारी पिटाई करते थे।
4- अल्लाह के रसूल - सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम - ने हसन और हुसैन -रज़ियल्लाहु अन्हुमा- की ओर से (अक़ीक़ा में) एक-एक मेढ़ा ज़बह किया ।
5- अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने लोगों को आदेश दिया कि लड़के की ओर से एक जैसी दो बकरियाँ ज़बह करें तथा लड़की की ओर से एक बकरी।
6- प्रत्येक बच्चा अपने अक़ीके के बदले गिरवी होता है। उसकी ओर से सातवें दिन जानवर ज़बह किया जाएगा तथा उसका नाम रखा जाएगा एवं उसके सर के बाल मूँड़े जाएँगे।
7- तब मुझे गवाह मत बनाओ, क्योंकि मैं अत्याचार का गवाह नहीं बनता।
8- यूसुफ बिन अब्दुल्लाह बिन सलाम- रज़ियल्लाहु अन्हुमा- का कथन कि अल्लाह के रसूल- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने मेरा नाम यूसुफ रखा तथा मुझे अपनी गोद में बिठाया।
9- जब किसी ने क्षण भर के लिए भी अपने बच्चे का इक़रार कर लिया, तो वह उसका इनकार नहीं कर सकता।