إعدادات العرض
1- जो किसी मुसलमान का नुक़सान करे, अल्लाह उसका नुक़सान करेगा और जो किसी मुसलमान को कठिनाई में डाले, अल्लाह उसे कठिनाई में डालेगा।
2- आदमी अपने मित्र के तरीके पर चलता है। अतः, तुम में से कोई देख ले कि वह किसे मित्र बना रहा है।
3- एक मुसलमन के दूसरे मुसलमान पर छह अधिकार हैं; जब उससे मिलो तो उसे सलाम करो, जब वह आमंत्रण दे तो उसका आमंत्रण स्वीकार करो, जब तुमसे शुभचिंतन की आशा रखे तो उसका शुभचिंतक बनो, जब छींकने के बात अल्लाह की प्रशंसा करे तो 'यरहमुकल्लाह' कहो, जब बीमार हो तो उसका हाल जानने जाओ और जब मर जाए तो उसके पीछे चलो।
4- मैं हर उस मुसलमान से बरी हूँ, जो काफ़िरों के बीच में रहता हो।
5- मैं यहूदियों और ईसाइयों को ज़रूर अरब द्वीप से निकाल दूँगा, यहाँ तक कि मुसलमानों के सिवा किसी को नहीं छोड़ूँगा।