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1- जब तुम शौच के लिए जाओ, तो पेशाब तथा पाखाना करते समय न क़िबला की ओर मुँह करो, न उसकी ओर पीठ ही करो; बल्कि पूरब अथवा पश्चिम की ओर मुँह कर लो।
2- जब तुममें से किसी के बरतन में कुत्ता पी ले, तो वह उसे सात बार धोए।
3- मैं एक ऐसा व्यक्ति था, जिसे बहुत ज़्यादा मज़ी आती थी। अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के दामाद होनेे के नाते मुझे शर्मिंदगी महसूस हो रही थी कि मैं आपसे इस बारे में पूछूँ। चुनांचे मैंने मिक़दाद बिन असवद को पूछने का आदेश दिया (और उन्हों ने पूछा) तो फ़रमायाः "ऐसा व्यकति अपना लिंग धोने के बाद वजू करेगा।"
4- अल्लाह के रसूल (सल्ल्ललाहु अलैहि व सल्लम) शौच के लिए जाते, तो मैं और मेरे जैसा एक और लड़का पानी का बरतन और एक छोटी-सी बरछी लेकर साथ हो जाते। तब आप उस पानी से इस्तिंजा (पवित्रता प्राप्त) करते।
5- एक देहाती आया और मस्जिद के एक किनारे में पेशाब करने लगा
6- मैं जुंबी -अपवित्र- था। अतः मुझे अच्छा नहीं लगा कि अपवित्रता की अवस्था में आपके पास बैठूँ! तो आपने फरमायाः सुबहानल्लाह! मोमिन नापाक -अपवित्र- नहीं होता।
7- अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के पास एक बच्चा लाया गया, जिसने आपके कपड़े पर पेशाब कर दिया तो आपने पानी मँगवाकर पेशाब पर बहा दिया।
8- उसे छोड़ दो और उसके पेशाब पर एक डोल पानी बहा दो। क्योंकि तुम आसानी पैदा करने के लिए भेजे गए हो। तुम्हें सख़्ती करने के लिए नहीं भेजा गया है।
9- बिल्ली अपवित्र नहीं है। यह तुम्हारे आप-पास घूमने-फिरने वालों तथा घूमने-फिरने वालियों में से है।
10- लड़की का पेशाब धोया जाएगा और लड़के के पेशाब पर छींटे मारे जाएँगे।
11- वह उसे खुर्चेगी, फिर पानी से रगड़कर साफ़ करेगी, फिर धोएगी और उसी में नमाज़ पढ़ेगी।
12- ख़ून को धो लेना ही तुझे काफ़ी है और उसका निशान तेरे लिए हानिकारक नहीं।
13- जब कोई व्यक्ति अपने जूतों से गंदी रौंदे, तो उन्हें पाक करने वाली वस्तु मिट्टी है।