إعدادات العرض
1- हमने अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से कठिनाई और आसानी में, चुस्ती और सुस्ती में और हमारे ऊपर तरजीह दिए जाने की अवस्था में भी सुनेंगे और अनुसरण करेंगे
2- तुमपर ऐसे शासक नियुक्त हो जाएँगे, जिनके कुछ काम तुम्हें अच्छे लगेंगे और कुछ बुरे। ऐसे में जो (उनके बुरे कामों को) बुरा जानेंगे, वह बरी हो जाएँगे और जो खंडन करेंगे, वह सुरक्षित रहेंगे। परन्तु जो उनको ठीक जानेंगे और शासकों की हाँ में हाँ मिलाएँगे (वह विनाश के शिकार होंगे)।
3- “जो मुसलिम शासक के आज्ञापालन से इनकार करे और (मुसलमानों की) जमात से निकल जाए, फिर उसकी मृत्यु हो जाए तो ऐसी मृत्यु जाहिलियत वाली मृत्यु है
4- “जो तुम्हारे पास इस हाल में आए कि तुम लोग किसी को ख़लीफ़ा मानकर उसका अनुसरण कर रहे हो तथा वह तुम्हारी एकता को भंग करना चाहे या तुम्हारी जमात में बिखराव पैदा करना चाहे, तो ऐसे व्यक्ति को कत्ल कर दो।”
5- सब्र से काम लो। क्योंकि हर बाद में आने वाला समय पहले वाले के मुक़ाबले में बुरा होगा, यहाँ तक कि तुम अपने रब से जा मिलो।