इमाम (शासनाध्यक्ष) के विरुद्ध विद्रोह

इमाम (शासनाध्यक्ष) के विरुद्ध विद्रोह

3- जो हाकिम के आज्ञापालन से इनकार करे और (मुसलमानों की) जमात से निकल जाए, फिर उसकी मृत्यु हो जाए तो ऐसी मृत्यु जाहिलियत वाली मृत्यु है। जो ऐसे झंडे के नीचे लड़ाई लड़े जिसका उद्देश्य स्पष्ट न हो, अपने लोगों के अभिमान की रक्षा के लिए क्रोधित होता हो, अपने लोगों के अभिमान की रक्षा के लिए युद्ध करने का आह्वान करता हो, या अपने लोगों के अभिमान की रक्षा को समर्थन देता हो, फिर इसी अवस्था में मारा जाए, तो यह जाहिलिय वाली मृत्यु है।