क़ुरआन पर ध्यान केंद्रित करने की फ़ज़ीलत

क़ुरआन पर ध्यान केंद्रित करने की फ़ज़ीलत

4- "क़ुरआन पढ़ने वाले मोमिन का उदाहरण, उस तुरंज फल के जैसा है, जिसकी गंध अच्छी और जिसका स्वाद अच्छा होता है। क़ुरआन न पढ़ने वाले मोमिन का उदाहरण उस खजूर के जैसा है, जिसमें कोई खुश्बू तो नहीं होती, लेकिन उसका स्वाद मीठा होता है*। क़ुरआन पढ़ने वाले मुनाफ़िक़ का उदाहरण उस तुलसी के जैसा है, जिसकी गंध तो अच्छी होती है लेकिन स्वाद कड़वा होता है और क़ुरआन न पढ़ने वाले मुनाफ़िक़ का उदाहरण उस इन्द्रायण फल के जैसा है, जिसके अंदर सुगंध नहीं होती और जिसका स्वाद बहुत ही कड़वा होता है।"