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1- इस क़ुरआन को लगातार पढ़ते रहो। उस ज़ात की क़सम, जिसके हाथ में मेरी जान है, वह ऊँट के बंधन तोड़कर भागने की तेज़ी से भी अधिक तेज़ी से चला जाता है।
2- तुम्हारे बीच सबसे उत्तम व्यक्ति वह है, जो खुद क़ुरआन सीखे और उसे दूसरों को सिखाए।
3- जो अल्लाह की किताब का कोई एक शब्द भी पढ़ेगा, उसे एक नेकी मिलेगी और नेकी दस गुणा तक दी जाती है, अर्थात एक नेकी को दस नेकियाँ गिना जाता है।
4- क़ुरआन पढ़ने वाले मोमिन का उदाहरण, उस तुरंज फल का है जिसकी सुगंध अधिक अच्छी और जिसका स्वाद भी अच्छा है
5- जो क़ुरआन को मधुर आवाज़ से न पढ़े, वह हम में से नहीं है
6- जो व्यक्ति क़ुरआन पढ़ता है और वह उसमें निपुण है, वह सम्मानित और नेक फ़रिश्तों के साथ होगा, तथा जो अटक- अटक कर क़ुरआन पढ़ता है और उसे क़ुरआन पढ़ने में कठिनाई होती है, उसके लिए दोहरा सवाब है
7- क़ुरआन पढ़ने वाले से कहा जाएगा कि पढ़ते जाओ और चढ़ते जाओ। साथ ही तुम उसी तरह ठहर-ठहर कर पढ़ो, जिस तरह दुनिया में ठहर-ठहर कर पढ़ा करते थे। तुम्हारे द्वारा पढ़ी गई अंतिम आयत के स्थान पर तुम्हें रहने के लिए जगह मिलेगी।
8- ईर्ष्या, केवल दो प्रकार के लोगों से रखना जायज़ है; एक वह व्यक्ति, जिसे अल्लाह ने धन प्रदान किया हो तथा उसने उस धन को सत्य के मार्ग में खर्च करने पर लगा दिया हो तथा दूसरा वह व्यक्ति, जिसे अल्लाह ने अंतर्ज्ञान प्रदान किया हो और वह उसी के अनुसार निर्णय करता हो और उसकी शिक्षा देता हो।
9- तुझे दाऊद वंश की बाँसुरियों में एक बाँसुरी दी गई है
10- क़यामत के दिन क़ुरआन और क़ुरआन वालों को लाया जाएगा, जो दुनिया में उसपर अमल किया करते थे।
11- अल्लाह तआला इस किताब के ज़रिए कुछ लोगों को ऊपर उठाता है तो इसी के कारण कुछ लोगों को नीचे गिरा देता है
12- किसी आदमी का यह कहना कि मैं अमुक-अमुक आयत भूल गया हूँ, नामुनासिब बात है। बल्कि वह भुला दिया गया है। क़ुरआन को लगातार याद करते रहो, क्योंकि क़ुरआन (गफलत बरतने वाले) लोगों के सीनों से निकल जाने के मामले में ऊँटों से भी ज़्यादा तेज़ है।
13- क़ुरआन पढ़ो; क्योंकि क़ुरआन क़यामत के दिन अपने पढ़ने वालों के लिए सिफ़ारिशी बनकर आएगा।