फ़ज़ीलतें तथा आदाब - الصفحة 7

फ़ज़ीलतें तथा आदाब - الصفحة 7

98- “‎क्या अल्लाह ने तुम्हारे लिए वह चीज़ें नहीं बनाई हैं, जिनसे तुम सदक़ा कर सकते हो? हर तस्बीह (सुब्हानल्लाह कहना) सदक़ा है, हर तकबीर (अल्लाहु अकबर कहना) सदक़ा है, हर तहमीद (अल्ह़म्दु लिल्लाह कहना) सदक़ा है, हर तहलील (ला इलाहा इल्लल्लाह कहना) सदक़ा है, भलाई का आदेश देना सदक़ा है, बुराई से रोकना सदक़ा है, और तुम्हारे किसी के साथ वैवाहिक संबंध बनाना भी सदक़ा है।‎”