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फ़ज़ीलतें तथा आदाब - الصفحة 7
फ़ज़ीलतें तथा आदाब - الصفحة 7
3- कोई दास जब अपने मालिक का शुभचिंतक रहे और अच्छी तरह अल्लाह की इबादत करे, उसे दोगुना प्रतिकार मिलेगा
66- तुमने एक ऐसी बात कह दी है कि यदि उसे समुद्र के पानी से मिला दिया जाए, तो उसे नष्ट कर डाले।
68- किसी मुसलमान औरत के लिए जायज़ नहीं कि एक दिन एवं एक रात की यात्रा किसी महरम के बिना करे।
72- ऐ लोगो! अल्लाह के सामने तौबा करो, क्योंकि खुद मैं दिन में सौ बार तौबा करता हूँ।
74- फ़ितना के समय इबादत मेरी ओर हिजरत करने की तरह है।
79- अल्लाह उस व्यक्ति की ओर नहीं देखेगा, जो अभिमान के कारण अपना कपड़ा लटकाकर चलता हो।
80- दो नेमतें ऐसी हैं कि उनमें बहुत-से लोग घाटा उठाते हैं : स्वास्थ्य तथा फुरसत के क्षण।
82- बहुत ज़्यादा लानत करने वाले क़यामत के दिन गवाही देने वाले और सिफ़ारिश करने वाले नहीं होंगे।
88- क़सम सामान को मार्केट में चलाने का माध्यम तो है, लेकिन कमाई की बरकत ख़त्म कर देती है।
95- तुम्हारे लिए वो सारी चीज़ें हैं, जिनकी तमन्ना तुमने की है और उनके साथ उनके समान और भी चीज़ें हैं।''
