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तहारत (पवित्रता प्राप्त करना)
तहारत (पवित्रता प्राप्त करना)
2- "मूँछें कतरवाओ और दाढ़ी बढ़ाओ।"
4- "जब तुममें से किसी का वज़ू टूट जाए, तो जब तक वज़ू न कर ले, अल्लाह उसकी नमाज़ ग्रहण नहीं करता।"
5- "मिसवाक (दातून) मुँह को साफ़ करने वाली और अल्लाह को प्रसन्न करने वाली वस्तु है।"
16- "जब तुममें से किसी के बरतन में से कुत्ता पी ले, तो वह उसे सात बार धोए।"*
17- : اللهم إني أعوذ بك من الخبث والخبائث
20- :
31- "तुममें से जो जुमे की नमाज़ के लिए आए, वह स्नान कर ले।"
32- उसका पानी पवित्र है और उसका मुर्दार हलाल है।
33- जब पानी दो क़ुल्लाह हो, तो वह गंदगी का प्रभाव ग्रहण नहीं करता।
35- यदि मेरी उम्मत पर कठिन न होता, तो मैं उन्हें आदेश देता कि प्रत्येक वज़ू के समय मिसवाक कर लिया करें।
40- जिसका वज़ू नहीं, उसकी नमाज़ नहीं और जिसने वज़ू करने से पहले अल्लाह का नाम नहीं लिया, उसका वज़ू नहीं।
41- :
48- "हम (मासिक धर्म से) पाक होने के बाद मटमैले और पीले रंग के पानी को कुछ शुमार नहीं करती थीं।"
50- जब तुममें से कोई अपनी पत्नी से एक बार संभोग करने के बाद दोबारा करना चाहे, तो दोनों के बीच वज़ू कर ले
56- अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने (अंगों को) एक-एक बार (धोकर) वज़ू किया।
57- अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने वज़ू के अंगों को दो-दो बार धोया।
59- "हर मुसलमान पर यह अनिवार्य है कि हर सात दिन में एक दिन स्नान करे, जिस दिन अपने सर तथा शरीर को धोए।"