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फ़ज़ीलतें
फ़ज़ीलतें
6- निस्संदेह, हलाल स्पष्ट है और हराम भी स्पष्ट है
8- एक बंदे ने एक गुनाह किया और उसके बाद कहा : ऐ अल्लाह, मुझे मेरे गुनाह क्षमा कर दे
9- भलाई का प्रत्येक कार्य सदक़ा है।
10- जन्नत में वह व्यक्ति प्रवेश नहीं करेगा, जो रिश्ते-नातों को काटता हो।
12- “दुआ ही इबादत है
13- “अल्लाह के निकट दुआ से अधिक सम्मानित कोई चीज नहीं है।”
16- अल्लाह तआला जिसके साथ भलाई का इरादा करता है, उसे दीन की समझ प्रदान करता है
17- जो अल्लाह की किताब का कोई एक अक्षर पढ़ेगा, उसे एक नेकी मिलेगी और नेकी दस गुणा तक दी जाती है
21- अल्लाह क़यामत के दिन मेरी उम्मत से एक व्यक्ति को चुनकर सारी सृष्टियों के सामने उपस्थित करेगा
52- ऐ लोगो! अल्लाह के सामने तौबा करो और उससे क्षमा माँगो, क्योंकि खुद मैं दिन में सौ बार तौबा करता हूँ।
75- ज्ञान इसलिए न अर्जित करो कि उलेमा से बहस कर सको और अज्ञान लोगों से झगड़ सको
76- अल्लाह ने एक उदाहरण दिया है। एक सीधा रास्ता है
81- अल्लाह की क़सम! ऐ अबुल मुंज़िर! तुमको यह ज्ञान मुबारक हो।
82- आप ला इलाहा इल्लल्लाह कह दें, मैं क़यामत के दिन आपके लिए इसकी गवाही दूँगा
107- कभी ऐसा नहीं हुआ कि अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से कुछ माँगा गया और आपने ना कह दी।
143- कोई दास जब अपने मालिक का शुभचिंतक रहे और अच्छी तरह अल्लाह की इबादत करे, उसे दोगुना प्रतिकार मिलेगा