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इबादतों पर आधारित फ़िक़्ह
इबादतों पर आधारित फ़िक़्ह
2- आदमी उस समय नमाज़ न पढ़े, जब खाना हाज़िर हो। और उस समय भी नहीं, जब तेज़ पेशाब व पाखाना लगा हुआ हो।
3- यदि तुमने जुमे के दिन, ख़ुतबे के दौरान अपने साथी से कहा कि खामोश हो जा, तो तुमने व्यर्थ कार्य किया।
10- मिसवाक मुँह को साफ़ करने वाली और अल्लाह को प्रसन्न करने वाली वस्तु है
158- अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) किसी महीने में शाबान से अधिक रोज़ा (उपवास) नहीं रखते थे
159- जो व्यक्ति सूर्य निकलने तथा डूबने से पूर्व नमाज़ पढ़ता है, वह जहन्नम में कदापि प्रवेश नहीं करेगा
174- यदि मेरी उम्मत पर कठिन न होता, तो मैं उन्हें आदेश देता कि प्रत्येक वज़ू के समय मिसवाक कर लिया करें।
179- जिसका वज़ू नहीं, उसकी नमाज़ नहीं और जिसने वज़ू करने से पहले अल्लाह का नाम नहीं लिया, उसका वज़ू नहीं।
193- जब तुममें से कोई अपनी पत्नी से एक बार संभोग करने के बाद दोबारा करना चाहे, तो दोनों के बीच वज़ू कर ले
198- अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने आशूरा के दिन (मुहर्रम की दसवीं तारीख़ को) रोज़ा रखा
199- अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) (कभी- कभी) जनाबत की हालत में पानी छूए बिना सो जाते थे
214- अपने इस परदे को हमारे सामने से हटा दो। क्योंकि, इसके चित्र बराबर मेरी नमाज़ में व्यवधान डाल रहे हैं।
216- नमाज़ में जम्हाई लेना शैतान की ओर से होता है। अतः यदि किसी को जम्हाई आए तो उसे सामर्थ्य भर रोके।
261- हर मुसलमान पर यह अनिवार्य है कि हर सात दिन में एक दिन स्नान करे, जिस दिन अपने सर तथा शरीर को धोए।
282- अल्लाह के रसूल- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने हमें सात बातों का आदेश दिया है और सात जीचों से रोका है।
402- युद्ध धोखा है।
440- हम लोग किसी सफ़र में नबी -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- के साथ थे कि इसी बीच एक व्यक्ति सवार होकर आया।
467- बिल्ली अपवित्र नहीं है। यह तुम्हारे आप-पास घूमने-फिरने वालों तथा घूमने-फिरने वालियों में से है।
537- जब तुममें से कोई नमाज़ पढ़े, तो अपनी नमाज़ के लिए कोई ओ़ट बना ले, चाहे वह एक तीर ही क्यों न हो।
599- अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने जब उनसे निकाह किया, तो आप एहराम की अवस्था में नहीं थे।
650- अबू तलहा -अल्लाह उनसे प्रसन्न हो- का एक पुत्र बीमार था। अबू तलहा कहीं बाहर गए, तो उसकी मृत्यू हो गई।
715- यहूदियों तथा ईसाइयों पर अल्लाह की धिक्कार हो। उन लोगों ने नबियों की क़ब्रों को मस्जिद बना लिया।