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इबादतों पर आधारित फ़िक़्ह
इबादतों पर आधारित फ़िक़्ह
2- "खाने की मौजूदगी में नमाज़ न पढ़ी जाए और न उस समय जब इन्सान को पेशाब-पाखाना की हाजत सख़्त हो।"
5- "मूँछें कतरवाओ और दाढ़ी बढ़ाओ।"
9- "जब तुममें से किसी का वज़ू टूट जाए, तो जब तक वज़ू न कर ले, अल्लाह उसकी नमाज़ ग्रहण नहीं करता।"
10- "मिसवाक (दातून) मुँह को साफ़ करने वाली और अल्लाह को प्रसन्न करने वाली वस्तु है।"
14- "मरे हुए लोगों को बुरा-भला न कहो, क्योंकि वे उसकी ओर जा चुके हैं, जो कर्म उन्होंने आगे भेजे हैं।"
17- :
23- “क़ब्रों पर मत बैठो और उनकी ओर मुँह करके नमाज़ न पढ़ो।”
26- :
29- : :
36- الله أكبر الله أكبر الله أكبر الله أكبر
38- "आदमी के बीच तथा कुफ़्र एवं शिर्क के बीच की रेखा नमाज़ छोड़ना है।"
39- "वह वचन, जो हमारे और उनके बीच है, नमाज़ है। जिसने इसे छोड़ दिया, उसने कुफ़्र किया।"
43- "जब तुम अज़ान सुनो, तो तुम उसके समान कहो, जो मुअज़्ज़िन कहता है।"
46- "अपनी सफ़ें सीधी कर लिया करो; क्योंकि सफ़ों को सीधा करने का संबंध नमाज़ की पूर्णता से है।"
59- :
62- "जब तुममें से किसी के बरतन में से कुत्ता पी ले, तो वह उसे सात बार धोए।"*
63- : اللهم إني أعوذ بك من الخبث والخبائث
69- :
71- : : : : :
81- :
97- "जिसने दो ठंडे समय की नमाज़ें पढ़ीं, वह जन्नत में जाएगा।"