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अक़ीदा
अक़ीदा
8- जिसने अल्लाह के सिवा किसी और की क़सम खाई, उसने क़ुफ़्र अथवा शिर्क किया।
21- अतिशयोक्ति करने वाले हलाक हो गए। (आपने यह बात तीन बार कही।)
24- जिसके साथ अल्लाह तआला भलाई का इरादा करता है, उसे मुसीबतों में डालकर आज़माता है।
26- अल्लाह तुम्हारे शरीर और तुम्हारे रूप को नहीं देखता, बल्कि तुम्हारे दिलों और कर्मों को देखता है।
55- जिसने इस्लाम की हालत में अच्छे काम किए हैं, उसे अज्ञानता काल के गुनाहों का जवाबदेह होना नहीं पड़ेगा।
102- जो व्यक्ति दुनिया में किसी के दोष पर पर्दा डालेगा, अल्लाह क़यामत के दिन उसकी कमियों पर पर्दा डालेगा।
131- शिफ़ाअत वाली हदीस़
151- जिसने तावीज़ लटकाया, अल्लाह उसके उद्देश्य को पूरा न करे और जिसने सीप लटकाया, अल्लाह उसे आराम न दे।
223- उस हस्ती की क़सम, जिसके हाथ में मुहम्मद की जान है, उसके बर्तन आकाश के तारों एवं ग्रहों से अधिक होंगे
227- हर चीज़ तक़दीर के अनुसार सामने आती है, यहाँ तक कि अक्षमता तथा सक्षमता भी या सक्षमता तथा अक्षमता भी।
241- तुम लिखा करो। उस हस्ती की क़सम, जिसके हाथ में मेरी जान है, इस (मुंह) से केवल सत्य ही निकलता है।
280- क़यामत के दिन सूरज को मख़लूक़ से इतना निकट कर दिया जाएगा कि उनसे केवल एक मील की दूरी पर रह जाएगा।
294- जिबरील (अलैहिस्सलाम) नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के पास बैठे हुए थे कि ऊपर से एक आवाज़ सुनी।
330- ऐ अबू आइशा! तीन बातें ऐसी हैं कि जिसने उनमें से कोई एक बात कही, उसने अल्लाह पर बहुत बड़ा झूठ बाँधा
334- अल्लाह के कुछ फ़रिश्ते हैं, जो धरती में घूमते फिरते हैं, वे मुझे मेरी उम्मत का सलाम पहुँचाते हैं
372- अंतिम ज़माने में तुम्हारे बीच एक ऐसा ख़लीफ़ा होगा, जो लप भर-भरकर धन देगा और उसकी गणना भी नहीं करेगा।
402- तुम्हारे साथी हनज़ला को फ़रिश्ते स्नान दे रहे हैं, ज़रा उनकी पत्नी से पूछो तो सही कि बात क्या है?
426- जब अल्लाह किसी बंदे को किसी स्थान में मृत्यु देना चाहता है, तो वहाँ उसकी कोई ज़रूरत रख देता है।
435- यहूदियों तथा ईसाइयों पर अल्लाह की धिक्कार हो। उन लोगों ने नबियों की क़ब्रों को मस्जिद बना लिया।